Heart Transplant Day: हृदय रोग के कारण हर साल करोड़ों लोगों की मौत हो जाती है। वर्तमान समय में हृदय रोग के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, हृदय रोग दुनिया भर में मौत के सबसे बड़े कारणों में से एक है। भारत में भी बड़ी संख्या में लोग दिल की बीमारियों से पीड़ित (Health News) हैं।
Heart Transplant Day
इनमें हर उम्र के लोग शामिल हैं. विश्व स्वास्थ्य महासंघ (WHF) की एक हालिया रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि पिछले 30 वर्षों में दुनिया में हृदय रोग से होने वाली मौतों की संख्या में 60 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है, जो बेहद चिंताजनक है। ऐसे में हृदय रोग को लेकर इलाज की नई तकनीकों पर लगातार काम किया जा रहा है। इनमें से हार्ट ट्रांसप्लांट (Heart Transplant Day) भी बेहद कारगर तरीका है।
हार्ट ट्रांसप्लांट डे (Heart Transplant Day)
कई हृदय रोगों में हृदय प्रत्यारोपण के जरिए बड़ी संख्या में लोगों की जान बचाई जा सकती है। यह ऐसी तकनीक होनी चाहिए, जो हृदय क्षति या विफलता की स्थिति में लोगों के लिए जीवन रक्षक हो सके। भारत में 3 अगस्त को हार्ट ट्रांसप्लांट डे (Heart Transplant Day) मनाया जाता है। साल 1994 में आज ही के दिन भारत में पहली बार हार्ट ट्रांसप्लांट किया गया था।
सर्जरी से नहीं हो सकता ठीक
मायोक्लिनिक की रिपोर्ट के मुताबिक, हार्ट ट्रांसप्लांट एक ऐसा ऑपरेशन है, जिसमें मरीज के क्षतिग्रस्त दिल को निकालकर उसकी जगह दूसरा दिल लगा दिया जाता है। जो अंग दान करता है ! हृदय प्रत्यारोपण एक ऐसा उपचार है जो आमतौर पर उन लोगों के लिए किया जाता है जिनका हृदय दवाओं या अन्य सर्जरी से ठीक नहीं हो सकता है। हृदय प्रत्यारोपण के बाद मरीज के बचने की संभावना बढ़ जाती है।
विफलता का खतरा
जब किसी व्यक्ति का हृदय फेल हो जाता है और तमाम इलाज के बाद भी हृदय काम नहीं करता है तो उस स्थिति में हार्ट ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ती है। आमतौर पर हृदय की मांसपेशियों के कमजोर होने (कार्डियोमायोपैथी), कोरोनरी धमनी रोग, हृदय वाल्व रोग, जन्मजात हृदय समस्याओं के कारण हृदय विफलता का खतरा (Health News) बढ़ जाता है।
Heart Transplant
जब इन समस्याओं में किसी भी तरह के इलाज से फायदा नहीं होता तो ट्रांसप्लांट के जरिए उनकी जान बचाई जा सकती है। हार्ट ट्रांसप्लांट के बाद मरीज लंबे समय तक बिना किसी परेशानी के अपना जीवन जी सकता है। हालांकि युवा लोगों में हृदय प्रत्यारोपण अधिक सफल है। वृद्ध लोगों के मामले में यह बहुत सफल नहीं है।
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