No Smoking Day: आज नो स्मोकिंग डे है, जानिए धूम्रपान से होने वाले स्वास्थ्य जोखिम और इससे बचाव के उपाय

No Smoking Day: दुनिया भर के तमाम विशेषज्ञ और डॉक्टर धूम्रपान (Smoking) से परहेज़ करने की बात करते हैं। क्योंकि यह न सिर्फ धूम्रपान करने वाले व्यक्ति को बल्कि उसके आसपास रहने वाले इंसानों, जानवरों और पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाता है। अत्यधिक धूम्रपान करने से लोगों में कैंसर समेत कई अन्य गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। इतना ही नहीं, धूम्रपान के कारण होने वाले कैंसर और कुछ अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के कारण हर साल बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो जाती है। दुनिया भर में लोगों को इस लत की गंभीरता के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल ‘नो स्मोकिंग डे’ (No Smoking Day) मनाया जाता है।

No Smoking Day

मार्च के दूसरे बुधवार को धूम्रपान (Smoking) निषेध दिवस मनाया जाता है। इस साल नो स्मोकिंग डे 13 मार्च 2024 को मनाया जा रहा है। इस दिन का इतिहास करीब 40 साल पुराना है। 1984 में ब्रिटेन में नो स्मोकिंग नाम की एक चैरिटी बनाई गई। इसका कार्य धूम्रपान से जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों को उजागर करना और इसे छोड़ने के लिए प्रोत्साहित करना था। बाद में इसे पूरे विश्व में मार्च के दूसरे बुधवार को धूम्रपान निषेध दिवस (No Smoking Day) के रूप में मनाया जाने लगा।

सिगरेट पीने के नुकसान

रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के अनुसार, सिगरेट शरीर के लगभग सभी अंगों को नुकसान पहुंचाती है। अध्ययनों से पता चलता है कि धूम्रपान (Smoking) से एक दर्जन से अधिक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। आइए जानते हैं सिगरेट पीने के नुकसान।

फेफड़े का कैंसर

सिगरेट के सेवन से फेफड़ों पर सबसे तेज़ असर पड़ता है। सिगरेट (Smoking) फेफड़ों को नुकसान पहुंचाती है। इससे फेफड़ों के कैंसर की संभावना बढ़ जाती है। वहीं, फेफड़ों के कैंसर से होने वाली 10 में से लगभग 9 मौतें धूम्रपान के कारण होती हैं।

हृदय रोग का खतरा

यदि आप धूम्रपान (Smoking) करते हैं, तो हृदय रोग और स्ट्रोक से मरने की संभावना सामान्य लोगों की तुलना में तीन गुना अधिक बढ़ सकती है। इसके अलावा कई तरह की दिल की बीमारियों का खतरा कम से कम दोगुना बढ़ जाता है।

क्रोनिक ब्रोंकाइटिस

धूम्रपान (Smoking) से अस्थमा का दौरा पड़ सकता है। क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस बढ़ने की भी आशंका है।

भारत सरकार के प्रयास

उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने भी धूम्रपान पर प्रतिबंध लगाने और तंबाकू के उपयोग को नियंत्रित करने के उपायों के लिए विभिन्न अधिनियम लागू किए हैं। जिसमें, वर्ष 1975 में, सिगरेट अधिनियम (उत्पादन, आपूर्ति और वितरण का विनियमन) के तहत, भारत सरकार ने सभी सिगरेट पैकेजों, डिब्बों और सिगरेट पर वैधानिक चेतावनी के रूप में “सिगरेट पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है” प्रदर्शित करना अनिवार्य कर दिया।

विज्ञापन स्वास्थ्य और परिवार मंत्रालय, तंबाकू नियंत्रण पर विश्व स्वास्थ्य संगठन फ्रेमवर्क कन्वेंशन के संयुक्त सहयोग से वर्ष 2003 में “सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध और व्यापार और वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति और वितरण का विनियमन) अधिनियम” पारित किया गया। कल्याण, भारत सरकार की ओर से वर्ष 2007-08 में तम्बाकू सेवन के हानिकारक प्रभावों और तम्बाकू नियंत्रण कानून के बारे में अधिक जागरूकता लाने और तम्बाकू नियंत्रण के लिए COTPA अधिनियम 2003 के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम (NTCP) शुरू करने के लिए।

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